आत्मा कुंठित है, अपने ही लोगों की परीक्षा में। आत्मा कुंठित है, अपने ही लोगों की परीक्षा में।
जब तक जला मैं शान से। मैं सबको प्रकाश दे गया। जब तक जला मैं शान से। मैं सबको प्रकाश दे गया।
मैं भटका हुआ मुसाफ़िर ,तुम बरगद की छांव से मैं सर्द शामों की कंपकपाहट ,तुम अलाव से मै मैं भटका हुआ मुसाफ़िर ,तुम बरगद की छांव से मैं सर्द शामों की कंपकपाहट ,तुम अल...
अरमा था तो बस इतना, की कोई सर पे प्यार से हाथ रखे अरमा था तो बस इतना, की कोई सर पे प्यार से हाथ रखे
जो तुझ को छू कर आया है जो तुझ को छू कर आया है
आत्मा निर्विकार अमर आत्मा संग दोष कैसे आया ? आत्मा निर्विकार अमर आत्मा संग दोष कैसे आया ?